174. गुरुजी के रुमाल का स्वरुप और उसका कमाल…! लोगों के चहेते फिल्म स्टार को ईश्वर द्वारा निश्चित् मृत्यु से छुटकारा ।

एक मशहूर अभिनेता किसी घाव के कारण बम्बई के एक विख्यात अस्पताल में भर्ती था। हर तरह का उपचार करने के बावजूद, घाव से कुछ तरल पदार्थ बाहर आता जा…

173. गुरुजी —एक फ़राक दिल मालिक –औपचारिक नारियल भेंट और एक शिष्य।

हर वर्ष की तरह, गुडगाँव स्थान पर ‘गुरु-पूर्णिमा’ मनाई जा रही थी। हजारों की संख्या में भक्तजन गुरुजी को नारियल भेंट कर रहे थे। स्थान हाल में एक सुसज्जित सीट…

172. ज्वाला माता मंदिर पर, –लोहे की चेनों से बंधा हुआ एक विक्षिप्त उन्मत्त तपस्वी।

सत्तर के दशक के शुरुआती दिनों में गुरूजी हिमाचल प्रदेश के पर्वतों में यात्राऐं किया करते थे। हालाँकि इन यात्राओं का कार्यक्रम उनके ऑफिस वाले बनाते थे, परन्तु इनकी रुपरेखा…

171. जब एक संत, साधू के वेश में मुझे मेरे घर के गेट पर मिला और रोका जब मैं ऑफिस जाने के लिए निकलने ही वाला था।

अपने नियमित कार्यक्रम के अनुसार, मैं अपने शोरुम जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठा और जाने के लिए निकलने ही वाला था कि मुझे किसी संत ने, जो साधू…

170. गुरुजी ने कहा कि चावल का दूसरा चम्मच क्यों नहीं खा सका, जब तुझे बेहद भूख लगी हुई थी।

गुरुजी के आदेशानुसार मैं अपने घर पंजाबी बाग में हर शनिवार को सेवा करता था। यह सेवा सुबह से शाम तक चलती थी। दोपहर को दो बजे के बाद, आए…

169. गुरूजी का मेरी फरीदाबाद वाली बहन के प्रति इतना सुकोमल हृदय।

मेरी बहन दमन प्रकाश, जो फरीदाबाद में रहती हैं अपनी टाँग में होने वाली तीव्र दर्द से परेशान थीं। सौभाग्यवश, एक बड़े वीरवार के दिन वह गुडगाँव पहुंच गयी और…

168. एक तरुण कन्या जिसे पागलपन के दौरे पड़ते थे, गुरुजी ने अपनी आध्यात्मिक पिटाई से ठीक कर दिया।

रीटा नाम की एक तरुण कन्या, जिसे काफी समय से पागलपन के दौरे पड़ते थे, गुरुजी के पास अक्सर आती थी। उसके परिवार वाले इस बात को लेकर हैरान थे…

167. गुरुजी का फोन आया कि वापिस आने से पहले पुन्चू को एक कार खरीद कर दे दो।

मैं मुम्बई गया हुआ था और पुन्चू मेरी बेटी है। अस्सी के दशक के शुरु की बात है कि गुरुजी ने मुझे कुछ दिनों के लिए बम्बई जाने का आदेश…

166. जब गुरुजी ने मुम्बई की उपनगरी खार में स्थान खोलने और सन्नी को सेवा करने का आदेश दिया।

सन् 1991 की बात है, जब गुरुजी ने सन्नी (पुन्चू के पति) को पंजाबी बाग में अपने कमरे में बुलाया। उसे आध्यात्मिक शक्तियाँ देने के बाद आदेश दिया कि उसने…

165. शिवरात्रि के लिए खेत से आलुओं की खुदाई।

‘शिवरात्रि’ के दिन थे। हम सब गुड़गाँव में पूर्णरुप से गुरुदेव की शरण में थे। शिवरात्रि के दिन की प्रतीक्षा कर रहे सभी शिष्यों और भक्तों ने देश के चारों…