163. उसने पूछा क्या वह कभी माँ बन सकेगी..? और गुरूजी ने कहा, एक नहीं, …तुम्हें दो पुत्र होंगे।

गुरुजी गुड़गांव में अपने शयनकक्ष में थे। उस दिन कुछ चुने हुए लोगों को, उनके दर्शन के लिए अनुमति दी गई थी। वहाँ मेरे भतीजे की पत्नी पिंकी को भी…

162. गुरुजी ने मोन्टी की माँ को चूरन दिया और रसौलियाँ पेट से बाहर निकल आई।

सन् 1989 की बात है। मोन्टी सेठ और उसके माता-पिता, गुड़गांव के सैक्टर 7 वाले स्थान पर गये और मोन्टी सेठ ने गुरुजी से अपनी माँ की सेहत के लिए…

161. जब गुरुजी नागपुर के दुअर पर सुरेन्द्र तनेजा, सीताराम जी व एस. के. जैन साहब को साथ ले गये।

एक और सुन्दर घटना नागपुर में घटित हुई, जब सोमवार के उपवास के दिन भोजन पूरा पूरा ही था। सोमवार की रात थी, आलू की सब्जी और चपातियाँ सीताराम जी…

160. दिनेश ने 4 लोगों से एक फ्लैट की खरीद के लिए ₹12 लाख लिये।

यह झलकी न तो पूर्णतया संसारिक है और न ही पूर्णतया आध्यात्मिक। यह तो सिर्फ गुरुजी के प्रति समर्पण और अटूट विश्वास की है। मुम्बई के दिनेश भंडारे के परिवार…

159. गुरूजी ने सर्वव्यापी-सर्वज्ञता के एक हिस्से का ज्ञान दिया।

मेरे पति अक्सर गुरुजी के पास जाया करते थे। मगर मेरा विश्वास बिलकुल नहीं था। मेरे पति मुझे मनाने की भरपूर कोशिश करते, मगर मैं नहीं मानती थी। एक दिन…

158. गुरुजी ने कहा, “मैं तेरी घुटने की दर्द आने वाले सूर्य ग्रहण के दिन ठीक कर दूंगा।”

एक 6 वर्षीया लड़की, जो पहली कक्षा में पढ़ती थी अपने दाहिने घुटने की दर्द से परेशान थी, डॉक्टरों ने उसकी माँ से कहा कि बचपन में भाग्यवश पोलिओ की…

“जब मुझे परम पूजनीय गुरुजी महाराज द्वारा लंबे समय के बाद ठीक किया गया था” – वर्णनकर्ता – कृष्ण प्रभाकर (कनाडा)

गुरुजी महाराज और माता जी के चरणों में प्रणाम के साथ, मैं अपना एक अनुभव साझा कर रहा हूं। अस्सी के दशक की शुरुआत में, मैं बीमार पड़ गया, मुझे…

“दयालु दाता” – वर्णनकर्ता – राहुल वोहरा

“गुरु कृपा” का एक अनुभव साझा करना चाहता हूँ। मेरी पत्नी एक कामकाजी महिला है, पहले वह एक जर्मन बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ काम कर रही थी लेकिन एक और…

157. गुरुजी ने कहा, मुझे उसकी चिट्ठियाँ पढ़ने के लिए हैदराबाद जाना पड़ता है।

जैसा कि हमारी सामाजिक परिस्थितियों में होता है, एक नवविवाहिता युवती को अपने ससुराल में निबाह करने के लिए कुछ परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं और ऐसे ही एक लड़की को…

“जादुई अनुभव” – वर्णनकर्ता – सौरभ दीवान

गुरु जी की कृपा को शब्दों में बयां करना वाकई बहुत मुश्किल है। मैं गुरुजी के पास नीलकंठ धाम पर पिछले 3 साल से आ रहा हूँ। 14 फरवरी 2012…