173. गुरुजी —एक फ़राक दिल मालिक –औपचारिक नारियल भेंट और एक शिष्य।
हर वर्ष की तरह, गुडगाँव स्थान पर ‘गुरु-पूर्णिमा’ मनाई जा रही थी। हजारों की संख्या में भक्तजन गुरुजी को नारियल भेंट कर रहे थे। स्थान हाल में एक सुसज्जित सीट…
हर वर्ष की तरह, गुडगाँव स्थान पर ‘गुरु-पूर्णिमा’ मनाई जा रही थी। हजारों की संख्या में भक्तजन गुरुजी को नारियल भेंट कर रहे थे। स्थान हाल में एक सुसज्जित सीट…
सत्तर के दशक के शुरुआती दिनों में गुरूजी हिमाचल प्रदेश के पर्वतों में यात्राऐं किया करते थे। हालाँकि इन यात्राओं का कार्यक्रम उनके ऑफिस वाले बनाते थे, परन्तु इनकी रुपरेखा…
अपने नियमित कार्यक्रम के अनुसार, मैं अपने शोरुम जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठा और जाने के लिए निकलने ही वाला था कि मुझे किसी संत ने, जो साधू…
गुरुजी के आदेशानुसार मैं अपने घर पंजाबी बाग में हर शनिवार को सेवा करता था। यह सेवा सुबह से शाम तक चलती थी। दोपहर को दो बजे के बाद, आए…
मेरी बहन दमन प्रकाश, जो फरीदाबाद में रहती हैं अपनी टाँग में होने वाली तीव्र दर्द से परेशान थीं। सौभाग्यवश, एक बड़े वीरवार के दिन वह गुडगाँव पहुंच गयी और…
रीटा नाम की एक तरुण कन्या, जिसे काफी समय से पागलपन के दौरे पड़ते थे, गुरुजी के पास अक्सर आती थी। उसके परिवार वाले इस बात को लेकर हैरान थे…
मैं मुम्बई गया हुआ था और पुन्चू मेरी बेटी है। अस्सी के दशक के शुरु की बात है कि गुरुजी ने मुझे कुछ दिनों के लिए बम्बई जाने का आदेश…
सन् 1991 की बात है, जब गुरुजी ने सन्नी (पुन्चू के पति) को पंजाबी बाग में अपने कमरे में बुलाया। उसे आध्यात्मिक शक्तियाँ देने के बाद आदेश दिया कि उसने…
‘शिवरात्रि’ के दिन थे। हम सब गुड़गाँव में पूर्णरुप से गुरुदेव की शरण में थे। शिवरात्रि के दिन की प्रतीक्षा कर रहे सभी शिष्यों और भक्तों ने देश के चारों…
“गुरू-पूर्णिमा” यह अति विशिष्ट दिन था। लगभग दो-तीन दिन का समय गुरु-पूजा के लिए शेष रह गया था और गुड़गाँव स्थान पर हर जगह लोगों की असाधारण भीड़ देखी जा…