“बॉम्बे की टिकट” – वर्णनकर्ता – श्री राजपॉल सेखरी

यह घटना है, जब गुरुजी बंबई जा रहे थे और मैं उन्हें विदा करने के लिए स्टेशन गया था। शर्मा जी भी हमारे साथ आए थे। जब ट्रेन पांच मिनट…

“तत्वों पर गुरुजी का नियंत्रण” – वर्णनकर्ता – श्री आर सी मल्होत्रा

गुरुजी के साथ मेरा जुड़ाव बहुत पुराना है और जब मैं समय को पीछे मुड़कर देखता हूं… गुरुजी के साथ उनके शारीरक रूप में बिताए उन अनमोल पलों में कुछ…

“प्रसाद” – वर्णनकर्ता – श्री एफ सी शर्मा

घटना उस समय की है जब “सेवा” “गुरु-स्थान” में शुरू ही हुई थी। एक शाम, “बड़ा गुरुवार” से एक दिन पहले, गुरुजी ने मुझे फोन किया और कहा कि मुझे…

153. प्रेम और भक्ति की चरम सीमाओं का एक उदहारण

गुरुजी ने कहा, “बेटा, मैंने ये भी तो देखना है ना कि मेरे गुरु के गले में हार मुझसे कम ना पड़ें। …वाह, क्या रिश्ता है गुरूजी का अपने गुरु…

152. जब गुरुजी ने एफ. सी. शर्मा जी को बाहर सड़क पर गुरु दर्शन के लिए लाईन में खड़े भक्तजनों की परिक्रमा करने के लिए कहा।

गुड़गाँव के सैक्टर 7, के स्थान के बाहर सड़क पर गुरुजी के दर्शन के लिए, अनगिनत लोग लाइन में खड़े थे। स्थान के पीछे सड़क और फुटपाथ को अलग रखने…

151. जब मुम्बई के दिनेश ने 1989 में अपने सीनियर स्टॉफ की शिकायत, गुरूजी से की।

मुम्बई के रहने वाले भक्तजन गुड़गाँव आकर, गुरुजी का आशीर्वाद लेने की ‘महाशिवरात्रि’ और ‘गुरु पूर्णिमा’ का बेसब्री से प्रतीक्षा करते थे। दिनेश भंडारे भी, ‘सुपर लार्ड’ का इन्तजार करने…

150. मेरे एक मित्र की बहन नाजी, जो लगातार सिरदर्द व नींद न आने की बीमारी से ग्रसित थी।

मेरे बचपन के दोस्त को पता चला कि गुड़गाँव वाले महान गुरूजी ने मुझे अपना शिष्य बनाया है। वह मेरी पत्नी ‘गुलशन’ के भी बहुत करीब था, उसने अपनी परेशानी…

149. एक संसारिक रुप में गुरुजी, “मर्यादा पुरुषोत्तम”

अस्सी के दशक के मध्य की बात है जब गुड़गाँव के सैक्टर-7 पर गुरुजी के दर्शन के लिये असंख्य लोगों की भीड़ चरम सीमा तक पहुंच गयी थी। रोजाना सुबह…

148. जब बड़े वीरवार के दिन मध्यान्तर के दौरान, रवि त्रेहन के लिए गाना गाने के बाद, मैं बोल भी नहीं सका।

अस्सी के दशक की शुरुआत की बात है। गुड़गाँव स्थान पर असंख्य लोग थे और सम्पूर्ण वातावरण में सिर्फ एक ही आवाज सुनाई दे रही थी और वह थी ‘गुरुजी’।…

147. जब शिष्यों ने लंदन में खरीदारी की और गुरुजी ने पाउण्ड्स में उसका भुगतान किया।

गुरुजी अपने शिष्यों, जिनमें श्री आर. पी. शर्मा, सबरवाल, सरदार बक्शी तथा कुछ और भी शिष्य थे, को लेकर लंदन गये हुए थे। एक डॉक्टर जो ब्लैक पूल में रहता…