2. गुरुजी के पास छुट्टियों में जाना।

गुड़गाँव गुरुजी के पास पहले मैंने रविवार और छुट्टी के दिन ही जाना शुरु किया। जब मैं उनके पास जाता तो देखता कि वहाँ बहुत से लोग तरह-तरह की बीमारियों…

1. गुरूजी से मेरी प्रथम भेट, मेरे जीवन का पहला दिन ।

सत्तर के दशक की बात है, एक दिन सुबह-सुबह श्रीमति शीला चौधरी, जो मेरे ससुराल के पड़ोस में रहती थी, आयी और कहने लगी। ”मेरे गुरुजी के हाथ में ॐ…

“खोया हुआ फोन” – वर्णनकर्ता – शुचिरा जानी (यूएसए)

आज का दिन एक चमत्कारी दिन था और इसका एकमात्र कारण यह है कि मैं अपने गुरु जी की बच्ची हूं: आज दोपहर पहले मुझे 3 बजे एक इंटरव्यू के…