81. गुरुजी की अर्धागिनी माता जी, अन्नपूर्णा हैं…||
गुरूजी ने, मेरी दो बेटियों के लिये गुड़गाँव स्थान पर दो लड़कों का चुनाव किया। गुरुजी ने मुझे बच्चों के शगुन करने के लिये एक छोटा सा समारोह करने की…
गुरूजी ने, मेरी दो बेटियों के लिये गुड़गाँव स्थान पर दो लड़कों का चुनाव किया। गुरुजी ने मुझे बच्चों के शगुन करने के लिये एक छोटा सा समारोह करने की…
मध्यान्तर (Interval) का समय, यह समय हम सब के लिये एक प्यार तथा मस्ती का समय होता था जिसमें हम साधारण बातचीत करते थे। इसमें गुरुजी, सभी शिष्यों को उनके…
एक बार गुरुजी के बहुत से शिष्यों की मीटिंग चल रही थी। यह एक बहुत मजेदार मीटिंग थी। हर शिष्य गुरुजी के अविश्वस्नीय कार्यों से सम्बन्धित अपना-अपना व्यक्तिगत अनुभव बता…
हमेशा की तरह मैंने पंजाबी बाग स्थान पर बैठकर सेवा शुरु की। लोग अपनी-अपनी बारी से एक के बाद एक मेरे पास आते और उनके जाने के बाद फिर किसी…
रेनुकाजी में, कई हफ्तों की लगातार सेवा के बाद गुरुजी ने अपने कुछ शिष्यों को सेवा के अन्तिम चरण के लिये बुलाया और सभी अपनी इस पवित्र यात्रा के लिये…
उस दिन क्या परम-आनन्द-पूर्ण दिन था, गुरूजी अपने कमरे में प्रसन्नचित मुद्रा में बैठे हम सबका मनोरंजन कर रहे थे। इस तरह का माहौल हम सब के लिए कभी-कभी ही…
गुरूजी ने मुझे, पंजाबी बाग स्थित मेरे निवास स्थान पर आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा सेवा करने के लिये आशीर्वाद दिया है। मैं छुट्टी के दिन स्थान पर आये लोगों की शारीरिक…
मेरी फैक्ट्री का जनरल मैनेजर मि. अरोड़ा, एक कृत्रिम मिज़ाज ऑफिसर था जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखता था। एक बार हम बैठे हुए साधारण बातचीत कर रहे थे…
एक बार मैं अपनी पत्नी तथा बेटियों के साथ रात के समय गुड़गाँव गया। वहाँ पहुँच कर हमने गुरुजी के पवित्र चरणों में प्रणाम किया। अचानक मेरी पत्नी ने गुरुजी…
गुरु पूर्णिमा के दिन चल रहे थे, एक दिन देर शाम की बात है स्थान लोगों की भीड़ से खचाखच भरा हुआ था। लोगों की संख्या सैंकड़ों में नहीं, हज़ारों…