110. जब सतनाम सिंह उर्फ मंगा का एक्सीडेन्ट हुआ और डॉक्टर ने कहा बचने की कोई उम्मीद नहीं है।
सतनाम सिंह उर्फ मंगा की दिल्ली में एक वर्कशाप थी। वह अपनी खराद मशीन पर भारी-भारी मशीनों के पुर्जे बनाने का काम किया करता था। एक बार जब वह अपनी…
सतनाम सिंह उर्फ मंगा की दिल्ली में एक वर्कशाप थी। वह अपनी खराद मशीन पर भारी-भारी मशीनों के पुर्जे बनाने का काम किया करता था। एक बार जब वह अपनी…
गुरुजी नागपुर में जब अपने ऑफिश्यिल टूअर पर थे तो उन दिनों दूर संचार के लिए, केवल स्थाई टेलीफोन (Land Line Telephone) ही उपलब्ध था। यह उपकथा वहीं पर घटित…
एक चमत्कार हुआ, जब एक बच्चा, जिसने गुरुजी को दिल से पुकारा और अपनी इच्छा व्यक्त की तो गुरुजी ने बिना समय लगाये उसी समय उसकी इच्छा पूर्ण कर दी।…
एक बार गुरुजी बहुत से बच्चों, जिनमें इन्द्रा, जो उन्हीं के परिवार की सदस्या है तथा अन्य शिष्यों को लेकर कुल्लू जा रहे थे। सभी लोग करीब सात या आठ…
सन् 1975 की बात हैं जब एक सरकारी अधिकारी (Government Officer) ने अपनी व्यक्तिगत समस्या अपने सहयोगी के सामने रखी। मि. श्रीवास्तव ने मि. दत्ता से, अपने दुख का कारण…
दोपहर का समय था और मैं गुरुजी के दर्शन करने गुड़गाँव गया। गुरुजी अपने कमरे में थे और लाईन में खड़े हुए लोगों को आशीर्वाद दे रहे थे। उन्हें प्रणाम…
गुरुजी के एक बहुत पिय शिष्य से सम्बन्धित यह उपकथा (Episode) वर्णित है। गुरुजी ने उसके घर में स्थान बनाया है और बड़े वीरवार को छोड़कर, बाकी दिन सेवा करने…
गुरुजी ने मुझसे पूछा, “…..राज्जे, दो और दो कितने होते हैं?” मैंने उत्तर दिया, “गुरुजी, चार।” गुरूजी बोले, “……नहीं बेटा, पाँच होते हैं।” मैंने सहमति से हाँ कहा और बोला,…
अविश्वस्नीय झलकियों के भाग-1 व भाग-2 में कुछ झलकियाँ प्रकाशित एवं वितरित करने के बाद कुछ और ऐसी झलकियाँ मुझे स्मरण हो आईं, जिन्हें मेरे सुपर मॉस्टर गुरूजी ने इस…
ब्रह्मज्ञान के लिये वैसे तो, गुरुजी के द्वार, हर किसी के लिये खुले थे लेकिन लोग इनके पास विभिन्न प्रकार की इच्छाएँ और विभिन्न कारणवश आते थे, जिनमें से—– कुछ…