201. गुरूजी एक उच्चतम् अनुशासित और बच्चों के लिए एक सुकोमल हृदय रत्न।

बड़ा वीरवार था, हमारे जीवन का एक बहुमूल्य दिवस… हर महीने की तरह, मैं सुबह-सुबह गुडगाँव पहुंचा और गुरुजी के चरण-कमल छुए। मगर आशीर्वाद के बदले गालियाँ सुनने को मिली।…