183. ‘पहचान’– एक पूर्णतयाः पुष्ट मान्यता।

इस जीवन क्षेत्र में, जो कुछ भी होता है, लगता है कि पहली बार हो रहा है। लेकिन वह पहली बार नहीं बल्कि दोहराया जा रहा होता है। कहीं तो…