191. एक अस्सी साल की बूढ़ी औरत जो पंजाबी बाग स्थान पर नियमित रुप से आती थी।
अस्सी वर्ष की, सुन्दर दिल वाली एक आकर्षक महिला जो राजौरी गार्डन में रहती थी और जिसे सब लोग प्यार से राजौरी गार्डन वाली माता के नाम से सम्बोधित करते…
अस्सी वर्ष की, सुन्दर दिल वाली एक आकर्षक महिला जो राजौरी गार्डन में रहती थी और जिसे सब लोग प्यार से राजौरी गार्डन वाली माता के नाम से सम्बोधित करते…
बात तब की है जब गुरुजी शरीर छोड़कर मोक्ष पद प्राप्त कर चुके थे। गुरुजी के एक शिष्य का कन्धा जुड़ चुका था। उससे एक भूल हो गई थी जिसका…
अपनी दुर्लभ ईश्वरीय यात्रा से पहले गुरुजी पंजाबी बाग स्थान की ऊपरी मंजिल पर अपने जिस कमरे में विराजमान होते थे वो कमरा आज भी उसी तरह से सजा हुआ…
श्रीकृष्णा मुम्बई के एक स्थान पर सेवा करता है और गुरजी को निरपेक्ष रुप से समर्पित है। कुछ सालों पहले, गुरुजी ने गुड़गाँव स्थान पर ही गुड़गाँव की एक और…
जब गुरुजी पंजाबी बाग में थे तो नीलमा प्रतिदिन उनके बैड के साईड टेबल पर एक गिलास पानी रखा करती थी। यह कार्यक्रम गुरुजी के शरीर छोड़ने के उपरान्त भी…
चारू को संगीत सिखाने वाला अध्यापक, इन्दु प्रकाश यहाँ अक्सर आया करता था। एक दिन अभ्यास कराते समय उसे देर हो गयी और वो रात को पंजाबी बाग ही रुक…
गुरुजी क्रिकेट के शौकीन थे। वे कभी-कभी टी.वी. पर मैच देख लेते थे। अक्सर सीताराम जी, एस.के.जैन साहब तथा कुछ अन्य शिष्यों के साथ टी.वी. पर मैच देखने का आनन्द…
गुरुजी कुछ शिष्यों को साथ लेकर बम्बई पहुंचे और हमेशा की तरह सेवा शुरु कर दी। इतने में अचानक उन्होंने संदीप सेठी को बुलाया और आदेश दिया कि वह फौरन…
इस जीवन क्षेत्र में, जो कुछ भी होता है, लगता है कि पहली बार हो रहा है। लेकिन वह पहली बार नहीं बल्कि दोहराया जा रहा होता है। कहीं तो…
यह घटना शिवपुरी स्थान से सम्बन्धित है, जहाँ गुरुजी ने मानव जाति के लिए एक अनदेखी व अभूतपूर्व सेवा शुरु की थी। वहाँ हर एक व्यक्ति चाहे वह किसी भी…