191. एक अस्सी साल की बूढ़ी औरत जो पंजाबी बाग स्थान पर नियमित रुप से आती थी।

अस्सी वर्ष की, सुन्दर दिल वाली एक आकर्षक महिला जो राजौरी गार्डन में रहती थी और जिसे सब लोग प्यार से राजौरी गार्डन वाली माता के नाम से सम्बोधित करते…

190. गुरूजी ने आधी रात को अपने शिष्य को दर्शन दिये और उसका जुड़ा हुआ कन्धा खोल दिया।

बात तब की है जब गुरुजी शरीर छोड़कर मोक्ष पद प्राप्त कर चुके थे। गुरुजी के एक शिष्य का कन्धा जुड़ चुका था। उससे एक भूल हो गई थी जिसका…

189. जब गुरुजी ने 1991 में ‘मोक्ष’ पद प्राप्त कर लिया।

अपनी दुर्लभ ईश्वरीय यात्रा से पहले गुरुजी पंजाबी बाग स्थान की ऊपरी मंजिल पर अपने जिस कमरे में विराजमान होते थे वो कमरा आज भी उसी तरह से सजा हुआ…

188. मुम्बई के श्रीकृष्णा ने —क्रीम बिस्कुट खरीदे।

श्रीकृष्णा मुम्बई के एक स्थान पर सेवा करता है और गुरजी को निरपेक्ष रुप से समर्पित है। कुछ सालों पहले, गुरुजी ने गुड़गाँव स्थान पर ही गुड़गाँव की एक और…

187. नीलमा गुरुजी के बिस्तर की साईड टेबल पर रोजाना एक गिलास पानी रखा करती थी।

जब गुरुजी पंजाबी बाग में थे तो नीलमा प्रतिदिन उनके बैड के साईड टेबल पर एक गिलास पानी रखा करती थी। यह कार्यक्रम गुरुजी के शरीर छोड़ने के उपरान्त भी…

186. आधी रात, गुरुजी का बेडरुम पंजाबी बाग में इन्दु प्रकाश के चेहरे पर थप्पड़।

चारू को संगीत सिखाने वाला अध्यापक, इन्दु प्रकाश यहाँ अक्सर आया करता था। एक दिन अभ्यास कराते समय उसे देर हो गयी और वो रात को पंजाबी बाग ही रुक…

185. गुरुजी ने कहा कि मैच का फैसला तो पहले से ही हो चुका है।

गुरुजी क्रिकेट के शौकीन थे। वे कभी-कभी टी.वी. पर मैच देख लेते थे। अक्सर सीताराम जी, एस.के.जैन साहब तथा कुछ अन्य शिष्यों के साथ टी.वी. पर मैच देखने का आनन्द…

184. गुरुजी ने ‘नजर फ्लू’ (Eye Flu) को बम्बई पहुँचने से कुछ दिन पहले ही देख लिया था।

गुरुजी कुछ शिष्यों को साथ लेकर बम्बई पहुंचे और हमेशा की तरह सेवा शुरु कर दी। इतने में अचानक उन्होंने संदीप सेठी को बुलाया और आदेश दिया कि वह फौरन…

183. ‘पहचान’– एक पूर्णतयाः पुष्ट मान्यता।

इस जीवन क्षेत्र में, जो कुछ भी होता है, लगता है कि पहली बार हो रहा है। लेकिन वह पहली बार नहीं बल्कि दोहराया जा रहा होता है। कहीं तो…

182. दो महिलाएं आई और एक ने दूसरी महिला की गुम सोने की चेन की पुनः प्राप्ति (Recovery) की प्रार्थना की।

यह घटना शिवपुरी स्थान से सम्बन्धित है, जहाँ गुरुजी ने मानव जाति के लिए एक अनदेखी व अभूतपूर्व सेवा शुरु की थी। वहाँ हर एक व्यक्ति चाहे वह किसी भी…