178. गुरुजी के आशीर्वाद का कड़ा मनुष्य की सोच से बहुत आगे…. (गुरूजी का कड़ा “एक उत्कृष्ट शक्ति”)

आमतौर पर इसका नाम चूड़ी, कंगन इत्यादि जाना जाता है और आम लोग इसे खरीद कर सजावट के लिए अपने आप पहन लेते हैं। महिलाएं सोने, चाँदी इत्यादि की धातु…

177. गुरुजी ने, एक वृद्ध दम्पति के लिए अपने कमरे में आधा घंटा प्रतीक्षा की।

एक दिन सुबह-सुबह गुरुजी अपने कमरे में बैठे थे। बिट्टू उनकी सेवा में था। उन्होंने कहा, बेटा मुझे खाना दे दो और फार्म के लिए कुछ लोगों के लिए खाना…

176. गुरुजी ने उसकी जाँघ और घुटने पर हाथ रखे और पुन्चू की टाँग की टूटी हड्डियाँ जोड़ दी।

सन् 1985 की घटना है जब बहुत सारे लोग हरिद्वार जा रहे थे। रास्ते में एक बस के साथ टक्कर हुई और कार में बैठी मेरी बड़ी बेटी पुन्चू की…

175. गुरुजी ने मुझे धर्मशाला चलने का संदेश भेजा, और मेरी माँ उस समय मृत्यु-शैय्या पर थी।

सुबह का समय था। मेरे निवास स्थान पंजाबी बाग पर मेरे भाई बहनें और उनके परिवारों के समस्त सदस्य एकत्रित थे। काफी समय से बीमार रहने के कारण आज डॉक्टर…

174. गुरुजी के रुमाल का स्वरुप और उसका कमाल…! लोगों के चहेते फिल्म स्टार को ईश्वर द्वारा निश्चित् मृत्यु से छुटकारा ।

एक मशहूर अभिनेता किसी घाव के कारण बम्बई के एक विख्यात अस्पताल में भर्ती था। हर तरह का उपचार करने के बावजूद, घाव से कुछ तरल पदार्थ बाहर आता जा…

173. गुरुजी —एक फ़राक दिल मालिक –औपचारिक नारियल भेंट और एक शिष्य।

हर वर्ष की तरह, गुडगाँव स्थान पर ‘गुरु-पूर्णिमा’ मनाई जा रही थी। हजारों की संख्या में भक्तजन गुरुजी को नारियल भेंट कर रहे थे। स्थान हाल में एक सुसज्जित सीट…

172. ज्वाला माता मंदिर पर, –लोहे की चेनों से बंधा हुआ एक विक्षिप्त उन्मत्त तपस्वी।

सत्तर के दशक के शुरुआती दिनों में गुरूजी हिमाचल प्रदेश के पर्वतों में यात्राऐं किया करते थे। हालाँकि इन यात्राओं का कार्यक्रम उनके ऑफिस वाले बनाते थे, परन्तु इनकी रुपरेखा…

171. जब एक संत, साधू के वेश में मुझे मेरे घर के गेट पर मिला और रोका जब मैं ऑफिस जाने के लिए निकलने ही वाला था।

अपने नियमित कार्यक्रम के अनुसार, मैं अपने शोरुम जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठा और जाने के लिए निकलने ही वाला था कि मुझे किसी संत ने, जो साधू…

170. गुरुजी ने कहा कि चावल का दूसरा चम्मच क्यों नहीं खा सका, जब तुझे बेहद भूख लगी हुई थी।

गुरुजी के आदेशानुसार मैं अपने घर पंजाबी बाग में हर शनिवार को सेवा करता था। यह सेवा सुबह से शाम तक चलती थी। दोपहर को दो बजे के बाद, आए…

169. गुरूजी का मेरी फरीदाबाद वाली बहन के प्रति इतना सुकोमल हृदय।

मेरी बहन दमन प्रकाश, जो फरीदाबाद में रहती हैं अपनी टाँग में होने वाली तीव्र दर्द से परेशान थीं। सौभाग्यवश, एक बड़े वीरवार के दिन वह गुडगाँव पहुंच गयी और…