108. गुरुजी सर्वव्यापक हैं। एक बच्चा जो नये स्कूल में गया था उसकी आत्मा की पुकार सुनी।

एक चमत्कार हुआ, जब एक बच्चा, जिसने गुरुजी को दिल से पुकारा और अपनी इच्छा व्यक्त की तो गुरुजी ने बिना समय लगाये उसी समय उसकी इच्छा पूर्ण कर दी।…

107. जब सोमवार उपवास के दिन, छोले-कुल्चे खाने का मन में विचार आया।

एक बार गुरुजी बहुत से बच्चों, जिनमें इन्द्रा, जो उन्हीं के परिवार की सदस्या है तथा अन्य शिष्यों को लेकर कुल्लू जा रहे थे। सभी लोग करीब सात या आठ…

106. जब गुरुजी ने कानपुर की गुडुन को ठीक किया।

सन् 1975 की बात हैं जब एक सरकारी अधिकारी (Government Officer) ने अपनी व्यक्तिगत समस्या अपने सहयोगी के सामने रखी। मि. श्रीवास्तव ने मि. दत्ता से, अपने दुख का कारण…

105. जब गुड़गाँव स्थान पर गुरुजी के पैर दबाते हुए, मैंने उन्हे काट लिया।

दोपहर का समय था और मैं गुरुजी के दर्शन करने गुड़गाँव गया। गुरुजी अपने कमरे में थे और लाईन में खड़े हुए लोगों को आशीर्वाद दे रहे थे। उन्हें प्रणाम…

104. जब गुरूजी का एक प्रारम्भिक शिष्य, गर्दन और गले की समस्या से बीमार पड़ गया।

गुरुजी के एक बहुत पिय शिष्य से सम्बन्धित यह उपकथा (Episode) वर्णित है। गुरुजी ने उसके घर में स्थान बनाया है और बड़े वीरवार को छोड़कर, बाकी दिन सेवा करने…

103. जब गुरुजी ने मुझे बिना शर्त आत्म समर्पण का वरदान दिया।

गुरुजी ने मुझसे पूछा, “…..राज्जे, दो और दो कितने होते हैं?” मैंने उत्तर दिया, “गुरुजी, चार।” गुरूजी बोले, “……नहीं बेटा, पाँच होते हैं।” मैंने सहमति से हाँ कहा और बोला,…

लेखक की कलम से

अविश्वस्नीय झलकियों के भाग-1 व भाग-2 में कुछ झलकियाँ प्रकाशित एवं वितरित करने के बाद कुछ और ऐसी झलकियाँ मुझे स्मरण हो आईं, जिन्हें मेरे सुपर मॉस्टर गुरूजी ने इस…

102. गुरुजी के पास लोग विभिन्न कारणों से…. और विभिन्न इच्छाएं लेकर आते थे।

ब्रह्मज्ञान के लिये वैसे तो, गुरुजी के द्वार, हर किसी के लिये खुले थे लेकिन लोग इनके पास विभिन्न प्रकार की इच्छाएँ और विभिन्न कारणवश आते थे, जिनमें से—– कुछ…

101. गुरुजी समय के अधीन नहीं, अपितु समय उनके अधीन है।

अस्सी के दशक की बात है। गुरुजी गोल मार्किट स्थित आहूजा के फ्लैट में थे। मैं उनके दर्शन करने व आशीर्वाद लेने के लिये उनके पास पहुंचा। वहाँ बहुत से…

100. जब गुरुजी ने आधी रात को मेरे पेट को छुआ और पेट दर्द तुरन्त गायब हो गया।

रात का समय था, मैं कुछ अन्य शिष्यों के साथ गुरूजी के कमरे में उनके पवित्र चरणों में बैठा था। गुरूजी रात के दो बजे तक हम पर आध्यात्मिक-ज्ञान और…