94. भक्तों के माँगने पर गुरुजी ने अपने पर्स से पैसे निकाल कर उन्हें दिये।
गुरुजी स्थान के मुख्य द्वार पर खड़े थे और स्थान पर बैठे लोग, एक-एक करके गुरुजी को अपनी-अपनी समस्याएं बता रहे थे और गुरुजी उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे। तभी…
गुरुजी स्थान के मुख्य द्वार पर खड़े थे और स्थान पर बैठे लोग, एक-एक करके गुरुजी को अपनी-अपनी समस्याएं बता रहे थे और गुरुजी उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे। तभी…
गुरुजी, अपने ऑफिस में थे और सुरेन्द्र तनेजा भी उनके साथ था। गुरुजी के सहकर्मियों ने गुरुजी से तीन सौ रुपये कमेटी (Committee Contribution) में, उनके मासिक अंशदान के लिए…
दरियागंज में मेरा एक शोरूम था। जहाँ बर्तन तथा अन्य सामान का व्यापार होता था। कई बार गुरुजी की विशेष कृपा होती और वे हमें आशीर्वाद देने के लिए, वहीं…
सुरेन्द्र तनेजा के बड़े भाई ने अपने तथा सुरेन्द्र के बेटे का मुन्डन समारोह करने का प्रोग्राम बनाया और उसके लिए दिन भी तय कर दिया। सुरेन्द्र इस समारोह के…
गुरुजी, श्रीनगर में थे और उनकी जीप मे अचानक कोई खराबी आ गई। अतः हम, लाल चौक पर स्थित एक मोटर पार्टस की दुकान पर गये। हमने दुकानदार से अपनी…
गुरुजी अपने कमरे में बैठे थे, मैं भी अन्य शिष्यों के साथ उनके पास बैठा था। संतलाल जी, गुरुजी के प्रिय शिष्यों में से एक हैं। जब गुरुजी प्रसन्न-मुद्रा (Light…
प्रत्येक बड़े-वीरवार से पहले आने वाले बुद्धवार रात को माता जी, सभी शिष्यों और सेवादारों को स्वयं खाना खिलाती थी। मैं भी रात के समय गुड़गाँव पहुंचा और माताजी को…
गुरुपूर्णिमा का समय था। मुम्बई से ‘वीरजी’ के नेतृत्व में मुम्बई स्थान के लोगों के एक ग्रुप में दिनेश भंडारे जो आध्यात्मिक ज्ञान का जिज्ञासु था, अपने दिमाग में सिर्फ…
प्रत्येक बड़े वीरवार के दिन, गुरूजी से आशीर्वाद लेने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती ही चली जा रही थी। इस तरह दिन-ब-दिन लोगों की बढ़ती हुई संख्या को देखते…
एक व्यक्ति, अपनी पत्नी को जिसके चेहरे की हालत बहुत खराब व बिगड़ी हुई थी, गुरूजी के पास लेकर आया और उन्हें बताते हुए प्रार्थना करने लगा कि गुरुजी यह…