103. जब गुरुजी ने मुझे बिना शर्त आत्म समर्पण का वरदान दिया।
गुरुजी ने मुझसे पूछा, “…..राज्जे, दो और दो कितने होते हैं?” मैंने उत्तर दिया, “गुरुजी, चार।” गुरूजी बोले, “……नहीं बेटा, पाँच होते हैं।” मैंने सहमति से हाँ कहा और बोला,…
गुरुजी ने मुझसे पूछा, “…..राज्जे, दो और दो कितने होते हैं?” मैंने उत्तर दिया, “गुरुजी, चार।” गुरूजी बोले, “……नहीं बेटा, पाँच होते हैं।” मैंने सहमति से हाँ कहा और बोला,…
अविश्वस्नीय झलकियों के भाग-1 व भाग-2 में कुछ झलकियाँ प्रकाशित एवं वितरित करने के बाद कुछ और ऐसी झलकियाँ मुझे स्मरण हो आईं, जिन्हें मेरे सुपर मॉस्टर गुरूजी ने इस…
ब्रह्मज्ञान के लिये वैसे तो, गुरुजी के द्वार, हर किसी के लिये खुले थे लेकिन लोग इनके पास विभिन्न प्रकार की इच्छाएँ और विभिन्न कारणवश आते थे, जिनमें से—– कुछ…
अस्सी के दशक की बात है। गुरुजी गोल मार्किट स्थित आहूजा के फ्लैट में थे। मैं उनके दर्शन करने व आशीर्वाद लेने के लिये उनके पास पहुंचा। वहाँ बहुत से…
रात का समय था, मैं कुछ अन्य शिष्यों के साथ गुरूजी के कमरे में उनके पवित्र चरणों में बैठा था। गुरूजी रात के दो बजे तक हम पर आध्यात्मिक-ज्ञान और…
गुरुजी के परमशिष्य श्री आर. पी. शर्मा को उनके घर से टेलीग्राम आया कि उनकी माताजी अंतिम सासें ले रही हैं और उन्हें तुरन्त अलीगढ़ बुलाया है। उसी समय वे…
दिमाग की बीमारी से ग्रस्त एक व्यक्ति, गुरूजी के पास आया। उसे डाक्टरों की तरफ से जवाब मिल चुका था और डॉक्टरों के अनुसार उसकी ज़िन्दगी, सिर्फ पन्द्रह दिन ही…
गुरूजी ने फैसला किया कि वे अपना घर बनायेंगे ताकि वहाँ सेवा कार्य में कोई विघ्न न डाल सके। जैसा कि बड़े वीरवार के दिन, शिवपुरी के किराये के मकान…
मैंने अपनी फैक्ट्री में, अपनी समझ के अनुसार, सिंक की एक डाई बनाई। जब उसको हाईड्रॉलिक प्रैस पर लगाकर चलाया तो वह असफल हो गई। मेरे मुख्य टेक्नीशियन ने बहुत…
एक बार मैं और मेरे अलावा श्री आर. पी. शर्मा, एफ. सी. शर्मा जी व नदौन के संतोष तथा और भी कई शिष्य, रात को गुड़गाँव स्थान पर रुके। करीब…