133. गुरुजी ने अपने अनूठे अन्दाज़ में संदेश देकर, बब्बू को सड़क पर रोका।

मनुष्यों में यह एक आम स्वाभाविक प्रवृति है कि वे चमत्कार देखकर उससे बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। एक बार बब्बू अपने स्कूटर पर तेजी से फैक्ट्री जा रहा…

132. जब मैं गुरूजी के दर्शन करने के लिए गुड़गाँव गया तो सेवादार पूरन ने मुझे गुरूजी से मिलने से रोक दिया।

अस्सी के दशक के अन्त की बात है एक शाम हमेशा की तरह मैं गुरुजी के दर्शन करने हेतु गुड़गाँव गया। इससे पहले कि मैं गुरुजी के कमरे की तरफ…

131. जब गुरूजी, शाम के समय गुड़गाँव स्थान की छत पर खड़े, आकाश की तरफ देख रहे थे।

एक दिन शाम को मैं गुड़गाँव पहुंचा तो पता चला कि गुरुजी छत पर हैं। मैं भी छत पर चला गया और गुरूजी के दर्शन पाकर आनन्दित हो गया। उन्होंने…

130. जब श्री आर. पी. शर्मा बुखार पर तो सहमत थे लेकिन घर और ऑफिस में नहीं।

गुरुजी अपने शिष्य आर.पी. शर्मा जी को बहुत प्यार करते थे। एक बार की बात है कि एक बुखार और जोड़ों के दर्द से ग्रसित एक गम्भीर मरीज़ गुरुजी के…

129. जब गुरुजी ने अपने बेटे बबे को बेसमेन्ट में 108 बाल्टियाँ जल की पहुँचाने का आदेश दिया।

गुरूजी का बेटा बब्बा, उस समय किशोरावस्था में था और बड़े वीरवार के दिन अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने में मस्त था। वह पूजनीय गुरुजी का बड़ा बेटा है…

128. जब अपने शिष्य के. सी. कपूर को श्रीमति ऑबराय को आशीर्वाद देने इर्विन अस्पताल भेजा।

जून 1984 की बात है। गुरुजी का गाजियाबाद, ऑबराय की फैक्ट्री में जाने का प्रोग्राम था परन्तु अंतिम समय पर अचानक गुरुजी ने वहाँ जाने का प्रोग्राम स्थगित कर दिया।…

127. हरियाणा आटो के मि. गुप्ता, जब अपनी फैक्ट्री को दुबारा शुरु करने के लिए मेरे पास मायापुरी आये।

मायापुरी इण्डस्ट्रीयल एरिया में मेरी फैक्ट्री है। इस इण्डस्ट्रीयल ऐरिया में और भी बहुत सी फैक्ट्रियाँ हैं जो विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स का निर्माण करती हैं। मेरी फैक्ट्री के ठीक…

126. गुरु जी दुअर पर गये थे और माताजी कमरों में ताले लगाकर बच्चों के साथ छत पर सोने चली गई थी।

हमेशा की तरह गुरुजी अपने ऑफिश्यिल टुअर पर बाहर गये हुए थे। रात हुई और सभी कमरों के ताले लगाकर माताजी बच्चों को लेकर स्थान की छत पर सोने चली…

125. जब गुरुजी लेटते ही, सैकिण्डज़ में सो गये।

गुरुजी मुम्बई में थे और सेवा जोर-शोर से चल रही थी। ‘वीरजी’ के मुम्बई, खार स्थित घर में लोगों की भीड़ उमड़ी चली आ रही थी और उनका घर एक…

124. जब गुरुजी ने मुम्बई में एक पारसी लड़की को ठीक किया।

दुबारा, एक बार फिर मुम्बई में.., शाम को सेवा शुरु हुई। दिन में गुरूजी अपने शिष्यों को साथ लेकर कुछ परिवारों के घर गये थे क्योंकि उनके घरों में उनकी…