14. रेनुकाजी— गुरुजी ने अपने शिष्यों को सेवा के लिए बुलाया
एक बार गुरुजी, अपने सहयोगियों के साथ, भूमि सर्वेक्षण के लिए रेनुका जी गये। वहाँ उन्होंने एक पुराना सा घर जिसमें दो कमरे थे, किराये पर लिया। कमरों के बाहर…
एक बार गुरुजी, अपने सहयोगियों के साथ, भूमि सर्वेक्षण के लिए रेनुका जी गये। वहाँ उन्होंने एक पुराना सा घर जिसमें दो कमरे थे, किराये पर लिया। कमरों के बाहर…
एक दिन सुबह-सुबह की बात है, मैं अपनी फैक्ट्री में एक रोलिंग मिल के फ्लाईव्हील (Fly Wheel) को शॉफ्ट पर लगा रहा था। इस पहिये (Wheel) का वज़न टनों में…
सीताराम जी, गुरुजी के शुरु के पहले शिष्यों में से एक थे। जो अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक में एक उच्च पद पर कार्यरत थे। उनका अपना एक अलग ऑफिस था और…
गुरुजी हमें समय-समय पर अक्सर तीर्थ यात्राओं पर लेकर जाते रहते थे। कई बार हमें, अपने परिवार को भी साथ ले जाने की आज्ञा मिल जाती थी। इस बार वे…
हमेशा की तरह, मैं अपने दरियागंज स्थित शोरुम में बैठा था कि फोन की घन्टी बजी, मैंने फोन उठाया, उधर से गुरुजी की आवाज आई—- ”मैं ईस्ट पटेल नगर अन्जू…
जब गुरुजी अपने ऑफिश्यिल टूअर पर जाते, तो वहाँ अपने शिष्यों में से किसी शिष्य, जैसे सीताराम जी, आर. पी. शर्मा जी, एफ. सी. शर्मा जी, सनेत के सुरेश जी…
मैंने गुड़गाँव गुरूजी के चरणों में लगातार जाना शुरु कर दिया था। गुरुजी के पास रोजाना हर तरह के लोग आते थे। उनमें हर उम्र के स्त्री, पुरूष व बच्चे…
एक बार मैं, अपने दारियागंज स्थित शोरुम में बैठा था कि गुरुजी आये और उन्होंने मुझसे पूछा – ”बेटा, तुम्हारा महा मृत्युन्जय मंत्र का जाप… कैसा चल रहा है?” मैंने…
”सुन्दर नगर” हिमाचल प्रदेश का एक पहाड़ी इलाका है। वहाँ गुरुजी अपने विभाग की ओर से भूमि निरीक्षण हेतु ऑफिश्यिल टूअर पर गये थे। यह सोच कर कि गुरुजी के…
गुरुजी, आम लोगों के बीच अक्सर बड़ी सादी ड्रेस जैसे लुंगी और कमीज और/या पैन्ट-कमीज में ही रहते थे। अस्सी के दशक में, गुरुजी के अनुयाईओं की संख्या तेजी से…