“घर तक सुरक्षित यात्रा” – (6 और) – वर्णनकर्ता – नवल कांत सेठी

सितम्बर 1985 में मुझे पश्चिम बर्लिन (तत्कालीन पश्चिमी जर्मनी) में एक प्रदर्शनी में प्रतिनियुक्त किया गया था। प्रदर्शनी के बाद मैंने यूनाइटेड किंगडम जाने और एसेक्स में अपनी चचेरी बहन…

“आध्यात्मिक उपस्थिति” – वर्णनकर्ता – सुमन सलूजा

सभी पर गुरुजी की कृपा बनी रहे और सभी का जीवन खुशियों से भरा रहे। यह घटना उस समय की है जब मेरे माता-पिता दिल्ली के पहाड़गंज में रहते थे।…